71 हमलों और आज़ादी के ऐलान ने क्यों हिला दिया पाकिस्तान?

बलूच नेताओं के आज़ादी के ऐलान और BLA के हमलों से सोशल मीडिया पर हलचल

Published · By Tarun · Category: World News
71 हमलों और आज़ादी के ऐलान ने क्यों हिला दिया पाकिस्तान?
Tarun
Tarun

tarun@chugal.com

बलूचिस्तान क्यों ट्रेंड कर रहा है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर?

पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया पर जबरदस्त हलचल देखी जा रही है। इसकी वजह है वहां की राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल, स्वतंत्रता की मांग, हिंसक हमले और मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप। आइए विस्तार से जानते हैं:

1. बलूच नेताओं का आज़ादी का ऐलान

बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच और अन्य राष्ट्रवादी नेताओं ने बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र घोषित कर दिया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से मान्यता की अपील की है और कहा कि बलूचिस्तान कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं था।

2. BLA के 71 हमले: 'ऑपरेशन हीरोफ'

बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान के सैन्य और सुरक्षा ठिकानों पर 71 समन्वित हमले किए हैं। ये हमले “ऑपरेशन हीरोफ” के तहत किए गए थे, जिसमें कई सैनिकों की मौत हुई। BLA ने खुद को किसी विदेशी ताकत का मोहरा मानने से इनकार किया है।

3. मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप

BYC और Paank जैसी संस्थाओं ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें बलूच नागरिकों का जबरन अपहरण, हत्या और उत्पीड़न शामिल है। कार रेसर तारीक बलूच और नागरिक सुफी तारिक कलमती की हत्या ने इन आरोपों को और हवा दी है।

4. भारत को बलूचों का समर्थन

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच बलूच नेताओं ने भारत का समर्थन जताया है। मीर यार बलूच ने 60 मिलियन बलूच लोगों की ओर से भारत के समर्थन की बात कही और प्रधानमंत्री मोदी से सहायता की अपील की।

5. चीन के खिलाफ गुस्सा

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) में चीन की भागीदारी के कारण BLA ने चीन को भी चेतावनी दी है। उन्होंने ग्वादर पोर्ट जैसे क्षेत्रों में हो रहे शोषण का विरोध किया है।

6. उम्मीद की किरण: कशिश चौधरी की नियुक्ति

इस सबके बीच कशिश चौधरी, जो एक हिंदू महिला हैं, को बलूचिस्तान की पहली असिस्टेंट कमिश्नर नियुक्त किया गया है। यह एक सकारात्मक खबर के रूप में उभरी है और अल्पसंख्यकों के लिए आशा की किरण बनी है।


निष्कर्ष

बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग, BLA के हमले, मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप और भारत-चीन जैसे देशों की भागीदारी ने इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है। X प्लेटफॉर्म पर इसकी मौजूदगी और बहस ने इसे दुनिया भर की सुर्खियों में ला दिया है। हालांकि, स्वतंत्रता की घोषणाओं को अभी तक किसी भी आधिकारिक स्रोत से मान्यता नहीं मिली है।

नोट: यह रिपोर्ट 15 मई 2025 की स्थिति पर आधारित है, और कुछ दावे केवल सोशल मीडिया पर प्रसारित जानकारी पर आधारित हैं।