26 लोगों की शहादत के बाद सीज़फायर! सवालों के घेरे में मोदी सरकार
भारत-पाकिस्तान और रूस-यूक्रेन संघर्ष विराम पर X पर गर्म बहस


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भारत-पाकिस्तान और रूस-यूक्रेन संघर्ष: 'Ceasefire' क्यों है ट्रेंड में?
नई दिल्ली, मई 2025: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर "Ceasefire" टॉप ट्रेंड बना हुआ है, जिसकी मुख्य वजह दो वैश्विक संघर्षों में संघर्ष विराम (सीज़फायर) की घोषणाएं हैं—भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव और रूस-यूक्रेन युद्ध। इन घटनाओं ने कूटनीतिक, सैन्य और सामाजिक चर्चाओं को तेज़ कर दिया है।
भारत-पाकिस्तान: धमाकों के बीच हुआ सीज़फायर
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर जवाबी हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से हमला किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।
10 मई 2025 को शाम 5 बजे अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों देशों ने "पूर्ण और तात्कालिक संघर्ष विराम" की घोषणा की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका श्रेय लिया।
हालांकि सीज़फायर की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन घुसपैठ और गोलेबारी की खबरें आईं। भारत ने इसे सीज़फायर उल्लंघन बताया और जवाबी कार्रवाई की। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने X पर लिखा, “ये कैसा संघर्ष विराम है जिसमें धमाके अब भी गूंज रहे हैं?”
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज़ रही—कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शायरी में तंज कसा: "उसकी वादों पे यक़ीन कैसे करूं?"। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को "भारत की ताकत का एहसास" करा दिया है।
रूस-यूक्रेन: ज़ेलेन्स्की का शांति प्रस्ताव
11 मई 2025 को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने रूस से 30-दिवसीय सीज़फायर की मांग की, जिसमें सीधी बातचीत की पेशकश की गई। यूक्रेन के सहयोगियों ने चेतावनी दी है कि अगर रूस ने प्रस्ताव ठुकराया तो संयुक्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
हालांकि, सोशल मीडिया पर यूक्रेनी विश्लेषकों और नेताओं ने रूस की मंशा पर शक जताया। उनका मानना है कि रूस केवल विजय दिवस परेड सुरक्षित करने के लिए सीज़फायर की बात कर रहा है, असली शांति के लिए नहीं।
X पर क्यों छाया 'Ceasefire'
दो बड़े संघर्षों के बीच आए इन सीज़फायर प्रस्तावों ने X पर यूज़र्स को बांट दिया है—कुछ इसे शांति की उम्मीद मान रहे हैं तो कुछ इसे रणनीतिक चाल। ओमर अब्दुल्ला, इनना सोव्सुन जैसे नेता और नागरिकों के पोस्ट ने बहस को और तीखा बना दिया है।
वहीं, भारतीय शेयर बाजार, IPL 2025 और आपात योजनाएं जैसे सामाजिक-आर्थिक पहलू भी इस ट्रेंड से जुड़े हैं।
निष्कर्ष: “Ceasefire” का ट्रेंड बताता है कि शांति की राह कितनी मुश्किल है, खासकर जब भरोसे की कमी और राजनैतिक जटिलताएं मौजूद हों। भारत-पाकिस्तान और रूस-यूक्रेन संघर्षों में यह संघर्ष विराम अस्थायी राहत तो है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान अब भी दूर है।