तमिलनाडु में क्यों छाया है 'Dravidian मॉडल'? जानें पूरी कहानी

Dravidian मॉडल की तारीफ और आलोचना से गर्माया राजनीतिक माहौल

Published · By Tarun · Category: Politics & Government
तमिलनाडु में क्यों छाया है 'Dravidian मॉडल'? जानें पूरी कहानी
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Dravidian मॉडल: एक विचारधारा, कई नजरिए

मई 2025 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 'Dravidian' शब्द चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह अचानक नहीं हुआ—इसके पीछे है तमिलनाडु की राजनीति, सांस्कृतिक पहचान और इतिहास से जुड़ी गहरी बहसें। आइए जानते हैं, क्यों Dravidian शब्द लोगों की ज़ुबान पर छाया हुआ है।

1. Dravidian मॉडल की उपलब्धियाँ

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन Dravidian मॉडल को राज्य की प्रगति का आधार बता रहे हैं। 18 मई को राज्य सरकार ने कृषि, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में बड़ी प्रगति का दावा किया। साथ ही, महिला, बच्चों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए मुफ्त यात्रा, और निःशुल्क नाश्ता योजना जैसे कदमों की जमकर सराहना हो रही है।

6 मई को FICCI TURF सम्मेलन में तमिलनाडु को 'Best State for Promoting Sports' का खिताब भी मिला, जिससे Dravidian मॉडल को नई पहचान मिली। यह मॉडल सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और क्षेत्रीय स्वायत्तता को बढ़ावा देता है।

2. विरोध और आलोचना भी कम नहीं

जहाँ एक तरफ तारीफ हो रही है, वहीं विपक्ष इसे एक राजनीतिक हथकंडा बता रहा है। केंद्र सरकार के खिलाफ DMK के रुख को कुछ लोग संघीय अधिकारों की रक्षा मानते हैं, जबकि कुछ इसे विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश बताते हैं।

राज्यपाल आर.एन. रवि ने मार्च में Dravidian विचारधारा को भारत की एकता के लिए खतरा बताया, जिससे X पर तीखी बहस छिड़ गई। कई पोस्ट में इसे 'आर्य- द्रविड़' सिद्धांत को पुनर्जीवित करने का प्रयास बताया गया।

3. ऐतिहासिक और वैचारिक बहसें

Dravidian आंदोलन की जड़ें पेरियार के सामाजिक सुधार आंदोलनों से जुड़ी हैं। परंतु, आलोचक इसे ब्रिटिश काल के नस्लीय सिद्धांतों का आधुनिक अवतार मानते हैं। कुछ पोस्ट में कहा गया कि Dravidian शब्द तमिल का सही प्रतिनिधि नहीं है, बल्कि यह एक राजनीतिक शब्दावली है।

4. वैश्विक प्रभाव और सांस्कृतिक पहचान

Taiwan से एक व्यक्ति द्वारा Dravidian नेताओं से प्रेरणा लेना दर्शाता है कि यह विचारधारा सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही। साथ ही, 'Dravidian दिखने वाले महाबली' जैसे सांस्कृतिक संदर्भ भी इसे लोकप्रिय बना रहे हैं।

5. सोशल मीडिया पर मिला-जुला रुख

  • समर्थन: @WeDravidians और @DMK_Chennai जैसे हैंडल्स Dravidian मॉडल की उपलब्धियाँ गिनाते हैं।
  • आलोचना: @Trueindian84291 जैसे यूज़र्स इसे विभाजनकारी और अवैज्ञानिक करार देते हैं।
  • तटस्थ दृष्टिकोण: कुछ अकाउंट्स भाषा और इतिहास पर तथ्यात्मक चर्चाएँ कर रहे हैं।

निष्कर्ष

'Dravidian' शब्द एक बार फिर राजनीति, इतिहास और सांस्कृतिक बहस का केंद्र बन गया है। जहाँ एक ओर इसे सामाजिक प्रगति का प्रतीक माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आलोचक इसे एक राजनीतिक उपकरण बता रहे हैं। सोशल मीडिया इस बहस को और व्यापक बना रहा है, जिससे यह शब्द सुर्खियों में बना हुआ है।