लालू यादव ने तेज प्रताप को निकाला, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी!
तेज प्रताप को लालू यादव ने पार्टी और परिवार से निकाला, जानें वजह


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लालू यादव और तेज प्रताप यादव: पिता-पुत्र के बीच की सियासी दरार का पर्दाफाश
25 मई, 2025 को बिहार की राजनीति में ऐसा भूचाल आया जिसे पूरे देश ने महसूस किया। लालू प्रसाद यादव, जो राजनीति में अपने कड़े फैसलों और मजबूत छवि के लिए जाने जाते हैं, ने अपने ही बेटे तेज प्रताप यादव को न केवल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से बल्कि परिवार से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया।
यह कदम अचानक नहीं था, लेकिन इसकी टाइमिंग और वजह ने सबको चौंका दिया। तेज प्रताप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में 12 साल के अफेयर का दावा कर दिया, जो बाद में हट गई और उन्होंने सफाई दी कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। लेकिन तब तक तूफान उठ चुका था।
पारिवारिक मर्यादा पर सवाल
तेज प्रताप पहले से ही अपनी पूर्व पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ विवादों में फंसे हैं। अब इस नई पोस्ट से परिवार की छवि और भी धूमिल हो रही थी। ऐसे में लालू यादव ने जो फैसला लिया, वो कड़ा तो था लेकिन शायद ज़रूरी भी।
परिवार में समर्थन और विरोध दोनों
लालू की बेटी रोहिनी आचार्य और बेटे तेजस्वी यादव ने इस फैसले का समर्थन किया। रोहिनी ने कहा, "पापा हमारे लिए भगवान जैसे हैं", जबकि तेजस्वी बोले, "ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।"
दूसरी ओर, तेज प्रताप की पूर्व पत्नी ऐश्वर्या राय ने इसे "चुनावी ड्रामा" कहा और आरोप लगाया कि चुनाव के बाद तेज प्रताप को फिर से वापस ले लिया जाएगा। विरोधी दल जेडीयू ने भी इसपर सवाल उठाए और इसे रणनीतिक नौटंकी बताया।
चुनावी रणनीति या पारिवारिक नियंत्रण?
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह RJD की छवि सुधारने और अनुशासन स्थापित करने का प्रयास है। इससे पार्टी को यह संदेश देने में मदद मिलती है कि वो निजी विवादों को प्राथमिकता पर हल करती है।
तेज प्रताप का विवादों भरा सफर
तेज प्रताप का राजनीतिक करियर विवादों से अछूता नहीं रहा:
- 2015 में स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद 10 दिन में इस्तीफा।
- 2018 में पत्नी ऐश्वर्या के साथ मारपीट के आरोप।
- 2021 में चिराग पासवान से मुलाकात ने पार्टी को चौंकाया।
- 2025 में होली पर पुलिस अधिकारी से डांस करवाने का विवाद।
सोशल मीडिया पर बहस तेज
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लोग दो हिस्सों में बंटे दिखे। कुछ ने लालू के फैसले की सराहना की तो कुछ ने इसे "इमोशनल ड्रामा" कहा। वहीं, विपक्ष ने चारा घोटाले और अन्य मामलों का हवाला देते हुए लालू पर निशाना साधा।
निष्कर्ष
लालू यादव बनाम तेज प्रताप की यह कहानी सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि एक राजनीतिक कथा बन गई है, जिसमें हर मोड़ पर सस्पेंस, इमोशन और रणनीति का तड़का है। अब देखना ये है कि तेज प्रताप वाकई बाहर हैं या यह सब कुछ चुनाव बाद किसी नई पटकथा की शुरुआत भर है।