चीनी कनेक्शन पर घिरा MakeMyTrip: क्या सुरक्षित हैं आपके डेटा?

चीनी मालिकाना हक और डेटा सुरक्षा पर मचा बवाल, MakeMyTrip ट्रेंड में

Published · By Tarun · Category: Business & Economy
चीनी कनेक्शन पर घिरा MakeMyTrip: क्या सुरक्षित हैं आपके डेटा?
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MakeMyTrip और Goibibo पर सवालों की बौछार, सोशल मीडिया पर ट्रेंड में क्यों?

#NationFirst_Business_Later हैशटैग के साथ मई 2025 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर MakeMyTrip और Goibibo जबरदस्त ट्रेंड कर रहे हैं। वजह है—इन कंपनियों के चीनी निवेश और भारतीय यूज़र्स के डेटा की सुरक्षा को लेकर उठते सवाल।

विवाद की मुख्य वजहें:

  • चीनी निवेश: Trip.com Group (पहले Ctrip), जो चीन की कंपनी है, MakeMyTrip में लगभग 49% की हिस्सेदारी रखती है।
  • डेटा सुरक्षा: सोशल मीडिया पोस्ट्स में कहा जा रहा है कि ये कंपनियाँ भारतीय यूज़र्स की संवेदनशील जानकारी जैसे पासपोर्ट डिटेल्स, ID, और यात्रा विवरण विदेशी हाथों में सौंप रही हैं।
  • भारत विरोधी चुप्पी? EaseMyTrip जैसी कंपनियों के भारत समर्थक कदमों के उलट, MakeMyTrip और Goibibo पर मौन साधने के आरोप लग रहे हैं।
  • डिजिटल बॉर्डर की रक्षा: यूज़र्स पूछ रहे हैं कि जब TikTok जैसे ऐप्स को बैन किया गया, तो इन कंपनियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं?

सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएँ:

  • “MakeMyTrip & Goibibo — चीनी मालिक, भारत पर चुप्पी, भारतीय डेटा पर कब्ज़ा।”
  • “EaseMyTrip ने मालदीव विवाद पर स्टैंड लिया, ये क्यों चुप हैं?”

कंपनियों की पृष्ठभूमि:

MakeMyTrip (2000 में स्थापित) और Goibibo (2009 में शुरू, 2016 में MMT द्वारा अधिग्रहित) भारत की अग्रणी ऑनलाइन ट्रैवल कंपनियाँ हैं। दोनों का मुख्यालय गुरुग्राम में है और ये भारतीय क़ानूनों के अंतर्गत कार्य करती हैं।

विश्लेषण:

  • चिंताओं की वैधता: डेटा प्राइवेसी व राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे अहम हैं, खासकर जब विदेशी निवेश हो।
  • कोई ठोस सबूत नहीं: अब तक कोई सार्वजनिक प्रमाण नहीं कि इन कंपनियों ने डेटा का दुरुपयोग किया हो।
  • कानूनी दायरा: भारत के IT कानून और Digital Personal Data Protection Act, 2023 के तहत ये कंपनियाँ काम कर रही हैं।

निष्कर्ष:

MakeMyTrip और Goibibo को लेकर उठे सवाल ज़रूर चिंताजनक हैं, लेकिन अभी तक आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। यह मामला भारत में डिजिटल आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है। यूज़र्स को जानकारी के आधार पर निर्णय लेना चाहिए, और सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार करना चाहिए।

नोट: अगर आप डेटा नीति या सरकारी प्रतिक्रिया जैसे पहलुओं पर विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो बताएं।