‘Operation Shield’ को लेकर मॉकड्रिल पर मचा बवाल, जानिए असली कहानी!

मॉकड्रिल ‘Operation Shield’ को लेकर सोशल मीडिया पर मचा बवाल

Published · By Tarun · Category: Politics & Government
‘Operation Shield’ को लेकर मॉकड्रिल पर मचा बवाल, जानिए असली कहानी!
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tarun@chugal.com

'Operation Shield' मॉकड्रिल पर सोशल मीडिया का तूफान: सिर्फ अभ्यास या कुछ और?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इन दिनों ‘mockdrill’ ट्रेंड कर रहा है, और वजह है भारत सरकार द्वारा घोषित की गई मॉकड्रिल — ‘Operation Shield’। इस घोषणा ने इंटरनेट पर भूचाल ला दिया, खासकर इसलिए क्योंकि इसे अचानक स्थगित कर दिया गया। लोग कयास लगा रहे हैं कि क्या ये केवल एक अभ्यास था, या इसके पीछे कुछ और बड़ा इरादा छिपा था?

मॉकड्रिल की घोषणा और सोशल मीडिया का रिएक्शन

28 मई को कुछ प्रमुख हैंडल्स जैसे @Himanshu4Indiaa और @meenakshibhat82 ने ट्वीट किया कि भारत सरकार ने 'Operation Shield' नाम से एक राष्ट्रीय मॉकड्रिल की घोषणा की है। इस खबर ने तुरंत आग पकड़ ली। कुछ यूज़र्स ने इसे ‘Operation Sindoor’ की अगली कड़ी बताया, और पाकिस्तान से जुड़े सुरक्षा पहलुओं की ओर इशारा किया।

पाकिस्तान से जुड़ी अटकलें और राष्ट्रवादी चर्चा

यूज़र @Lok__Esh ने सवाल उठाया, “क्या हम POK के लिए तैयार हैं?” वहीं, @priyanshubarh ने हँसी-मज़ाक में कहा, “लगता है फिर से सिंदूर डाला जायेगा क्या?” इस तरह की पोस्ट्स ने ना सिर्फ राष्ट्रीय गर्व को हवा दी, बल्कि एक युद्ध जैसी स्थिति की कल्पना भी दिखलाई।

मॉकड्रिल का अचानक स्थगन और आलोचना

29 मई को यूज़र @areeeyaaarrr ने पोस्ट किया कि मॉकड्रिल स्थगित कर दी गई है। कुछ ने इसे मज़ाकिया अंदाज़ में लिया, लेकिन @Politicx2029 जैसे यूज़र्स ने सरकार पर सीधा हमला बोला और लिखा, “हर कोई इंदिरा गांधी नहीं हो सकता।” इस टिप्पणी से सरकार की तैयारियों पर सवाल उठे।

मीम्स और मज़ाक की बौछार

जहां कुछ लोग मॉकड्रिल को लेकर गंभीर हैं, वहीं कई यूज़र्स ने इसे मज़ाकिया लहजे में लिया। किसी ने लिखा, “फिर से मॉकड्रिल के नाम पर कुछ ज़्यादा ना कर दे इंडिया।” 😆

निष्कर्ष

'Operation Shield' की घोषणा, फिर उसका स्थगन, और उसके पीछे के अटकलों ने इस मॉकड्रिल को वायरल कर दिया। यह स्पष्ट नहीं है कि यह सिर्फ एक अभ्यास था या रणनीतिक कदम का हिस्सा। लेकिन एक बात तय है — X प्लेटफ़ॉर्म पर इसे लेकर भावनाएं, मीम्स, और राजनीतिक टिप्पणियों की बाढ़ आ चुकी है।

इस पूरी घटना ने दिखा दिया है कि एक साधारण सरकारी घोषणा कैसे जनता की कल्पना और सोशल मीडिया की शक्ति से राष्ट्रव्यापी चर्चा का विषय बन सकती है।