भारत में The Wire की वेबसाइट बंद, सोशल मीडिया पर उठे सवाल

The Wire की वेबसाइट ब्लॉक, सरकार पर प्रेस सेंसरशिप का आरोप

Published · By Bhanu · Category: Politics & Government
भारत में The Wire की वेबसाइट बंद, सोशल मीडिया पर उठे सवाल
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bhanu@chugal.com

The Wire की वेबसाइट ब्लॉक: सरकार पर प्रेस सेंसरशिप का आरोप

नई दिल्ली, 9 मई 2025 – भारत सरकार ने स्वतंत्र न्यूज़ पोर्टल The Wire की अंग्रेज़ी वेबसाइट thewire.in को ब्लॉक कर दिया है, जिससे पूरे देश में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर बहस छिड़ गई है।

क्या है मामला?

9 मई की शाम को The Wire ने अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर घोषणा की कि उनकी वेबसाइट भारत में एक्सेस नहीं हो रही है। यह कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश के तहत हुई, जो IT Act, 2000 के अंतर्गत आती है। The Wire ने इसे "स्पष्ट सेंसरशिप" बताया है।

क्यों हो रहा है विरोध?

The Wire का दावा है कि यह कदम प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ है। मीडिया वॉचडॉग संस्थाओं जैसे डिजिपब और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना की है।

डिजिपब ने कहा:

"यह प्रेस स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।"

क्या है इसका संदर्भ?

यह ब्लॉक ऐसे समय पर आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में हालिया आतंकी हमले के कारण तनाव बढ़ा हुआ है।

सिर्फ The Wire ही नहीं, बल्कि Maktoob Media, The Kashmiriyat, Free Press Kashmir, और एक US आधारित पोर्टल Muslim के सोशल मीडिया अकाउंट्स भी पिछले कुछ समय से ब्लॉक या सीमित किए गए हैं।

The Wire कौन है?

The Wire एक स्वतंत्र न्यूज़ पोर्टल है जिसे 2015 में सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एम. के. वेणु ने शुरू किया था। यह कॉरपोरेट या सरकार से स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।

जनता की प्रतिक्रिया

ट्विटर (X) पर @TimesAlgebraIND, @ItsShubhangi और @BoltaHindustan जैसे हैंडल्स के पोस्ट्स ने लाखों व्यूज़ हासिल किए हैं, जिससे साफ है कि यह विषय सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा में है।

निष्कर्ष

The Wire की वेबसाइट को ब्लॉक किया जाना सिर्फ एक मीडिया संस्थान की आवाज़ को दबाने की कोशिश नहीं, बल्कि देश में पत्रकारिता की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर सवाल उठाता है। सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, जिससे विवाद और गहरा गया है।

क्या यह एक अस्थायी कदम है या प्रेस की आज़ादी पर स्थायी खतरा? यह सवाल अब पूरे देश में गूंज रहा है।