ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्की ने पकड़ी पाकिस्तान की तरफदारी!

तुर्की के पाकिस्तान समर्थन पर भारत में भड़का सोशल मीडिया

Published · By Tarun · Category: World News
ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्की ने पकड़ी पाकिस्तान की तरफदारी!
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तुर्की क्यों ट्रेंड कर रहा है? जानिए वजह

मई 2025 में X (पूर्व ट्विटर) पर "Turkey" शब्द तेजी से ट्रेंड कर रहा है। इसकी बड़ी वजह है तुर्की का पाकिस्तान का समर्थन करना—वो भी उस समय जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया है। आइए जानते हैं इस ट्रेंड के पीछे की प्रमुख वजहें:


1. तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन

भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इसके बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर गोलाबारी की। इस बीच तुर्की ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया—सूत्रों के अनुसार तुर्की ने ड्रोन और सैन्य उपकरण पाकिस्तान को भेजे। एक तुर्की युद्धपोत कराची बंदरगाह पहुँचा और C-130E मिलिट्री प्लेन की लैंडिंग भी चर्चा में रही।


2. #BoycottTurkey हैशटैग ट्रेंड में

भारत में ट्विटर/X पर #BoycottTurkey और #OperationSindoor जैसे हैशटैग वायरल हो गए हैं। लोग तुर्की के सामान (जैसे Beko, Ulker, Trendyol) और यात्रा का बहिष्कार कर रहे हैं। Ixigo, Cox & Kings जैसी कंपनियों ने तुर्की के लिए बुकिंग्स रोक दी हैं। एक पोस्ट में कहा गया, “तुर्की को 2023 में हमने भूकंप के समय बचाया, आज वही हमारे दुश्मनों के साथ है।”


3. तुर्की में आंतरिक अशांति

तुर्की के अंदर भी उथल-पुथल है। इस्तांबुल के मेयर इमामोलु को गिरफ्तार करने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। सरकार ने पत्रकारों और प्रदर्शनकारियों की 700+ सोशल मीडिया प्रोफाइल्स ब्लॉक कर दीं। मार्च में 42 घंटे का सोशल मीडिया ब्लैकआउट हुआ था।


4. भारत की नाराजगी – 'ऑपरेशन दोस्त' का उल्टा जवाब

2023 में भारत ने तुर्की में आए भूकंप के समय ऑपरेशन दोस्त चलाया था और 8.45 मिलियन डॉलर की मदद दी थी। अब भारतीय यूज़र्स सवाल उठा रहे हैं कि क्या तुर्की ने उसी मदद का 'इनाम' पाकिस्तान को ड्रोन देकर चुकाया?


5. भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बीच वैश्विक प्रतिक्रिया

जहाँ भारत में लोग तुर्की को 'दुश्मन का दोस्त' कह रहे हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया तुर्की के आंतरिक दमन, मीडिया सेंसरशिप और मानवाधिकार उल्लंघनों पर भी ध्यान दे रहा है।


निष्कर्ष:

तुर्की का ट्रेंड होना सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि कई स्तरों पर नाराज़गी, कूटनीतिक द्वंद्व और आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता का प्रतीक है। भारतीय सोशल मीडिया पर तुर्की को लेकर नाराज़गी गहराई से महसूस की जा रही है, जो कूटनीतिक नतीजों में भी दिख सकती है।