RCB पर FIR, कोहली पर सवाल—बेंगलुरु हादसे ने मचाया बवाल!
#ArrestKohli ट्रेंड कर रहा है बेंगलुरु स्टैम्पीड के बाद


tarun@chugal.com
विराट कोहली पर जनता का ग़ुस्सा: ट्रॉफी के जश्न में मातम की चीखें
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून 2025 को जो हुआ, उसने पूरे क्रिकेट जगत को झकझोर कर रख दिया। IPL 2025 में RCB की ऐतिहासिक जीत के बाद हुई जीत की परेड में मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। लेकिन घटना के अगले ही दिन, विराट कोहली पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ लंदन रवाना हो गए—बस यहीं से शुरू हुआ #ArrestKohli का तूफ़ान।
जनता की नाराज़गी क्यों?
X (पूर्व में ट्विटर) पर हज़ारों यूज़र्स ने कोहली के रवैये को 'संवेदनहीन' बताया। सिर्फ एक पोस्ट के जरिए दुख व्यक्त करने और किसी पीड़ित परिवार से न मिलने पर लोगों का ग़ुस्सा फूटा।
“11 fan died 💔. 50+ were injured But he cried only for a trophy 🏆😭😭This isn’t passion — This is not good 💔#ArrestKohli” — @PretMeena
इतना ही नहीं, RCB पर तीन और कोहली पर एक FIR दर्ज होने की ख़बरों से ट्रेंड को और बल मिला। चार अधिकारियों की गिरफ़्तारी और RCB के वाइस प्रेसिडेंट के फरार होने से भी हालात और गंभीर हो गए।
“3 FIRs ON RCB, 1 FIR on KOHLI, 4 OFFICIALS ARRESTED” — @KingEra_18
कोहली के पक्ष में भी उठी आवाजें
जहां एक ओर ट्रेंड को लेकर ग़ुस्सा है, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इसका विरोध भी किया। उनका कहना है कि कोहली को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है।
“#ArrestKohli is trending because? How is any of this his fault?” — @AishwaryakiRai
“RW trollers are running this hashtag... WE LOVE YOU KOHLI 🔥❤️🚀” — @SHADZ35
पहले भी ट्रेंड हो चुका है #ArrestKohli
2022 में तमिलनाडु में एक क्रिकेट फैन के मर्डर के बाद भी यह हैशटैग ट्रेंड हुआ था। यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया पर यह ट्रेंड किसी भी विवाद की चिंगारी से आग बन सकता है।
मीडिया और सोशल मीडिया का असर
इस ट्रेंड को हिंदुस्तान टाइम्स, CNN-News18, और अन्य मीडिया प्लेटफार्म्स ने भी कवर किया, जिससे यह और तेज़ी से फैल गया। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो सोशल मीडिया पर वायरल ट्रेंड अक्सर बिना किसी जांच के भी लोगों की राय बना देते हैं।
निष्कर्ष
#ArrestKohli ट्रेंड ने एक बार फिर सोशल मीडिया की ताक़त और खतरे दोनों को उजागर किया है। एक तरफ जनता की संवेदना और न्याय की पुकार है, तो दूसरी ओर एक खिलाड़ी को बिना पूर्ण तथ्य के कठघरे में खड़ा करने की प्रवृत्ति। क्या कोहली दोषी हैं या सिर्फ एक सार्वजनिक चेहरा जिनसे लोग उम्मीदें ज़्यादा रखते हैं? जवाब शायद समय देगा।