राजस्थान में युवाओं का तूफान! #युवा_आक्रोश_महारैली से हिली सरकार
पेपर लीक और भर्ती घोटालों के खिलाफ जयपुर में युवा रैली


tarun@chugal.com
राजस्थान की राजधानी जयपुर एक बार फिर राजनीतिक हलचलों का केंद्र बन गई है। 25 मई 2025 को होने वाली #युवा_आक्रोश_महारैली ने युवाओं की नाराज़गी और सिस्टम से टूटे भरोसे को सड़क पर ला खड़ा किया है। यह रैली केवल एक विरोध नहीं, बल्कि एक आह्वान है—भ्रष्टाचार, पेपर लीक और फर्जीवाड़े के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का।
कहानी एक टूटे हुए सपने की
राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों से सरकारी नौकरियों की भर्ती में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं। पेपर लीक, फर्जी मार्कशीट, और डमी कैंडिडेट्स जैसी घटनाओं ने मेहनती छात्रों का विश्वास तोड़ दिया है। युवा वर्ग, जो दिन-रात प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है, अब खुद को ठगा महसूस कर रहा है।
रैली का नेतृत्व और राजनीतिक समर्थन
इस आंदोलन को मजबूती मिली है हनुमान बेनीवाल जैसे नेताओं के समर्थन से। नागौर से सांसद बेनीवाल युवाओं की आवाज़ बनकर सामने आए हैं। उनका कहना है कि यह रैली किसी पार्टी का एजेंडा नहीं, बल्कि युवाओं का स्वाभाविक गुस्सा है।
X प्लेटफॉर्म पर उफान
#युवा_आक्रोश_महारैली हैशटैग के साथ हज़ारों पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं। कई यूज़र्स ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए हैं—किसी ने 5 साल की मेहनत के बावजूद नौकरी नहीं पाई, तो किसी ने देखा कि भ्रष्ट लोग कैसे सिस्टम को हाइजैक कर लेते हैं। एक पोस्ट में कहा गया, "सपनों को चूर करने वाला ये सिस्टम अब नहीं चलेगा।"
मांगें जो बदल सकती हैं सिस्टम
रैली के मंच से उठी प्रमुख माँगें हैं:
- पेपर लीक और फर्जी डिग्री वालों की नौकरी तुरंत रद्द की जाए
- RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को भंग कर नया पारदर्शी सिस्टम लागू हो
- 2021 की SI भर्ती को रद्द किया जाए
- न्यायपालिका में भी जवाबदेही तय हो, ताकि दोषियों को आसानी से जमानत न मिल सके
विरोध या क्रांति की शुरुआत?
हालांकि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स ने इस रैली को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन युवाओं का जोश बता रहा है कि अब कोई पीछे नहीं हटेगा। यह आंदोलन न सिर्फ राजस्थान, बल्कि देशभर के छात्रों और युवाओं के लिए मिसाल बन सकता है।
निष्कर्ष
#युवा_आक्रोश_महारैली एक जनभावना है—न्याय, पारदर्शिता और सम्मान की। यह सिर्फ एक दिन का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत हो सकती है। सवाल अब ये नहीं कि कितने लोग जुटेंगे, सवाल यह है कि क्या सिस्टम उनकी आवाज़ सुनेगा?