क्या प्लास्टिक प्रदूषण पर लगेगा लगाम? #WorldEnvironmentDay बना चर्चा का विषय!

प्लास्टिक प्रदूषण पर जागरूकता फैलाते हुए #WorldEnvironmentDay ट्रेंड में

Published · By Tarun · Category: World News
क्या प्लास्टिक प्रदूषण पर लगेगा लगाम? #WorldEnvironmentDay बना चर्चा का विषय!
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पर्यावरण बचाओ की मुहिम: सोशल मीडिया पर क्यों छाया #WorldEnvironmentDay?

हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस इस बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर खासा चर्चा में है। 2025 के लिए तय की गई थीम #BeatPlasticPollution यानी 'प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ'—ने लोगों के दिलों को छू लिया है।

इतिहास और मकसद

विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 1972 में संयुक्त राष्ट्र ने की थी, ताकि पर्यावरण मुद्दों पर वैश्विक जागरूकता फैलाई जा सके। इस साल, प्लास्टिक के खतरे को लेकर दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है, क्योंकि सालाना 400 मिलियन टन प्लास्टिक उत्पादन में से केवल 9% ही रिसायकल हो पाता है।

X प्लेटफॉर्म पर क्यों ट्रेंड कर रहा है?

🌍 वैश्विक पहल

UNEP ने मई के अंत से ही 'क्लीनर प्लेनेट' के लिए एक काउंटडाउन अभियान शुरू किया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 24 घंटे का लाइव इवेंट – “Right Here, Right Now Global Plenary” – ने भी इस मुद्दे को वैश्विक विमर्श में शामिल किया।

🇮🇳 भारत की भागीदारी

रेल मंत्रालय ने अयोध्या में रैली का आयोजन कर ‘स्वच्छ आज, हरा कल’ का संदेश दिया। प्लास्टिक कचरे के प्रभावों पर जागरूकता फैलाने वाले ऐसे स्थानीय प्रयासों ने भी #WorldEnvironmentDay को ट्रेंड कराया।

🧪 टेक्नोलॉजी और इनोवेशन

World Bank ने AI और तकनीकी नवाचार को प्रदूषण से लड़ने का हथियार बताया। वहीं ग्रैमी विजेता रिकी केज की साझेदारी ने इस गंभीर मुद्दे को सांस्कृतिक प्लेटफॉर्म पर भी पहुंचाया।

🙃 आलोचना भी पीछे नहीं

कुछ यूज़र्स ने इस दिन की गतिविधियों पर तंज कसा, जैसे—‘प्लास्टिक बोतलों में पानी बाँटते हुए पर्यावरण पर भाषण देना’। ऐसे पोस्ट्स ने बहस को जन्म दिया कि क्या हम दिखावे के लिए पर्यावरण की बात कर रहे हैं?

निष्कर्ष

#WorldEnvironmentDay सिर्फ एक हैशटैग नहीं, बल्कि एक विचार है—जिसमें आशा, चिंता, आलोचना और कार्रवाई सब कुछ शामिल है। सोशल मीडिया की इस हलचल में सच्चे बदलाव की झलक है, बशर्ते हम केवल पोस्ट करने तक ही सीमित न रहें।

"अगर आज बीज बोएंगे तो कल छांव ज़रूर मिलेगी – चाहे वह प्लास्टिक मुक्त धरती ही क्यों न हो।" 🌱

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