ममता सरकार की बंगाल पुलिस पर जनता का फूटा ग़ुस्सा!

बंगाल पुलिस की कार्रवाई और विवादों पर X पर मचा हंगामा

Published · By Tarun · Category: Politics & Government
ममता सरकार की बंगाल पुलिस पर जनता का फूटा ग़ुस्सा!
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बंगाल पुलिस फिर सवालों के घेरे में, X पर बहस तेज़

पिछले कुछ हफ्तों से X (पूर्व में ट्विटर) पर 'बंगाल पुलिस' ट्रेंड कर रहा है। जून 2025 की शुरुआत से ही ये शब्द चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है। वजह? एक नहीं, बल्कि कई घटनाएं, आरोप और राजनीति का गर्म होता पारा। आइए, जानते हैं क्यों 'बंगाल पुलिस' सुर्खियों में है और इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है।


📍 मालदा का मामला – पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप

मई 2025 में मालदा ज़िले के रतुआ में हिंसा भड़क उठी। सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि एक विशेष समुदाय द्वारा सनातनी समुदाय पर हमला हुआ। घर जलाए गए, वाहन तोड़े गए, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। @BJP4Bengal और अन्य ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। X पर यह मुद्दा खूब गरमाया, और 'बंगाल पुलिस' को लेकर आक्रोश और भी बढ़ा।


🏢 बोंगांव थाने पर हमला – कानून व्यवस्था पर सवाल

29 मई 2025 को बोंगांव पुलिस स्टेशन पर एक भीड़ ने हमला किया। भीड़ की मांग थी – हमायूं कबीर को रिहा करो, जिस पर चार लोगों पर चाकू से हमला करने का आरोप था। पुलिस की छवि एक बार फिर सवालों में आ गई – क्या वो भीड़ के आगे बेबस हो गई?


🚨 राणा बिस्वास की गिरफ्तारी – राजनीतिक बदले की कार्रवाई?

नदिया जिले में एक युवक, राणा बिस्वास, को केवल इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी दोस्त के साथ तस्वीर साझा की थी। हालांकि कोई आतंकवादी लिंक सामने नहीं आया, पर पुलिस की तत्परता पर सवाल खड़े हो गए – क्या ये कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की गई?


🧨 राजभवन विवाद और गणतंत्र दिवस – ममता बनर्जी बनाम पुलिस व्यवस्था

जनवरी 2025 में कोलकाता पुलिस बैंड को राजभवन में प्रवेश नहीं दिया गया, जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज़ हो गईं। यह प्रकरण पुलिस और राज्यपाल कार्यालय के बीच टकराव की एक और कड़ी बना।


💰 भ्रष्टाचार और पुरानी घटनाओं की पुनरावृत्ति

अक्टूबर 2024 में जयनगर में बलात्कार-हत्या मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे थे। मार्च 2024 में एक पुलिस अधिकारी को राजस्थान में रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। ये घटनाएं फिर से X पर वायरल हो रही हैं, और एक 'पैटर्न' की ओर इशारा कर रही हैं – क्या बंगाल पुलिस पर भरोसा किया जा सकता है?


🗣️ राजनीतिक बहस का केंद्र

बंगाल पुलिस अब सिर्फ कानून व्यवस्था नहीं, बल्कि राजनीति की ज़मीन बन चुकी है। बीजेपी लगातार तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि पुलिस उनके इशारे पर काम करती है। वहीं तृणमूल समर्थक दावा करते हैं कि पुलिस को बदनाम करने की साजिश हो रही है। X पर हर घटना का विश्लेषण राजनीतिक चश्मे से किया जा रहा है।


📌 निष्कर्ष:

'बंगाल पुलिस' का ट्रेंड करना एक सामान्य सोशल मीडिया घटना नहीं है, यह राज्य की राजनीतिक अस्थिरता, सांप्रदायिक तनाव और जनता के गुस्से का डिजिटल रूप है। X पर भले ही हर पोस्ट सही न हो, लेकिन एक बात साफ है – बंगाल पुलिस आज लोगों के विश्वास और राजनीति दोनों के केंद्र में है।

यह ट्रेंड सिर्फ घटनाओं का परिणाम नहीं, बल्कि राजनीतिक नरेटिव्स और जनता के बदलते नजरिए का प्रतिबिंब है।

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